तुम्हारे साथ होने का एहसास
अलग ही होता है
आभास ही नहीं होता
मुझे
किसी भी दुःख का
इक चमक होती है
मेरी आंखो में…
तुम्हारे गालों पर
पड़े डिम्पल को
देखकर
सड़क के किनारे
लगे पेड़ की शाखाएं
झूमने लगती है
अचानक
और बारिश
शुरू हो जाती है
जब तुम मेरे साथ चलती हो।
…
खुशी को भी
खुशी मिलती है
फिर
मैं देखता हूँ
तुम्हें
उन नेत्रों से से
जिनसे
महादेव शिव
देखते हैं
अपनी पार्वती को
…
स्वयं के
स्वयं भू
होने का
एहसास होता है
उस वक़्त जब
जब तुम साथ होती हो।
…
तुम्हारे साथ होने का
एहसास
अलग ही होता है
बढ़ सी जाती है
चाँद की रोशनी।
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This Post Has 8 Comments
बहुत खूब हरीश जी।
आभार नीरज जी …युहीं होंसला बढ़ाते रहें…
Bahut badhiya
आपका बहुत बहुत आभार
शानदार… बहुत बढिया
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