

खत नि:शब्द था
कल बन्द लिफाफे में मुझे एक खत मिला खत नि:शब्द था इक कोरा कागज़ न लिखावट न सजावट स्याही के निशान तक नहीं न कलम
कल बन्द लिफाफे में मुझे एक खत मिला खत नि:शब्द था इक कोरा कागज़ न लिखावट न सजावट स्याही के निशान तक नहीं न कलम
आज का प्रभाती शब्द – धरा लिखिए कमेन्ट बॉक्स में इस शब्द पर अपनी पंक्तियां, मुक्तक या कुछ भी अपनी कलम से रचनात्मक … www.likhobharat.com
हिंदुत्व की प्यारी “हिंदी” हिंदुत्व की प्यारी हिंदी रज रज मैं बसी हुई है शब्दकोश का भंडारण सरलता से भरी हुई । हिंदी है अनुभवों
~ हिंदी दिवस पर कविता ~ हिंदी से संस्कृति हमारी हिंदी से है आन, हिंदी से ही विश्व में देखो है अपनी पहचान। है दुर्भाग्य
~ हिन्दी है देश की पहचान ~ तृण तृण में बसी है हिंदी, भारत की आत्मा है हिंदी। हिंदी को ले न पालो क्लेश, यह
~ हिंदी दिवस विशेष ~ मातृभाषा बना दिया था पुरखो ने जिसे हमे, उस धरोहर को मात्र भाषा बनाकर छोड़ दिया, हम निर्लज्जो ने आधुनिकता
~ शिक्षक पर कविता ~ ईश्वर ने हमको दिया, शिक्षक एक प्यारा उपहारजो अंधकार को दूर करे, फैलाये जन जन ज्ञानदया, धर्म का पाठ पढ़ा,
~ शिक्षक का मह्त्व ~ गुरु बिन ज्ञान नही ,गुरु ज्ञान की खानशिक्षक बनकर जोभविष्य गढ़े हमारामात पिता के समान ।। ये जीवन कितना भीकठिन
~ शिक्षक दिवस पर कविता ~ जीवन मग से घोर निशा हर, ज्ञान प्रभा फैलाते,क्लेश जलद को दूर करें व, प्रमोद वृष्टि करवाते।सत्य पथ चलना
जन्माष्टमी पर्व पर कविता रात अष्टमी भादों की,घनघोर अंधेरा छाया था।मामा कंस के कारागार में,अवतार कान्हा ने पाया था।जेलों में ताले लगे हुए ,जब जन्म
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