आज गुरु पूर्णिमा के पुण्य दिवस पर पढ़िए गुरु की महिमा का वर्णन करता ये गीत – गुरु महिमा गीत
गुरुजी के नाम से, सारे काम हो गए
गुरु विश्वामित्र थे तो, राम-राम हो गए।।
एक थे ऋषि मतंग, जिनका सानिध्य पाकर
अंजनी के लाल देखो, हनुमान हो गए।
बर्बरीक मनुष्य थे, कृष्नजी का स्नेह पाकर
मस्तक बलिदान करके, खाटू श्याम हो गए।।
एक थे वो एकलव्य, गुरु दक्षिणा देकर
महान अर्जुन से भी ज्यादा, वो महान हो गए ।
गुरु के चरण छूकर, ऐसे लगा के जैसे
जीवन के मेरे मानो , चारों धाम हो गए।
गुरु मेरे माता पिता, और गुरु देवता
पाकर जिन्हें मेरे, पुण्य काम हो गए
चित्तोड़गढ़, राजस्थान, भारत
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This Post Has 4 Comments
लाजवाब।
अति सुन्दर 👌👌
धन्यवाद। पूनम जी
इसकी लय क्या है । क्या हुआ इसकी राग ।।
बताने की कृपा करें महोदय जी ।।