~ शिमला पर कविता ~
अद्भुत नगरी इस धरा पर
शिमला जिसका नाम
हिमालय की गोद में हँसता
जिसका सुबह शाम
हिमचादर से लिपटे जहां
प्रकृति का भन्डार
ऊँचे ऊँचे पर्वत जहां
आकाश से करते बात
सतलज, गिरि के
पावन जल की
वह कलकल बहती चाल
चीड़, देवदार के वृक्षों पर
हिम गोलों का वार
सुन्दर सुगन्धित पुष्पों का
एक अनुपम सा उपहार
इस धरा का जिसे
स्वर्ग हैं कहते
शिमला जिसका नाम।
मोतिहारी, बिहार, भारत
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कुछ करके जाना है – कविता
लड़कियाँ सब समझ जाती है। – कविता
इंसान जल रहा है – गीत
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This Post Has 6 Comments
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां नीरज भैया 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🙏🙏🙏👌🏻👌🏻👌🏻 आप ऐसे ही लिखना जारी रखे हमारी यही इच्छा है
जी राहुल जी जरूर लिखेंगे अगर आपका स्नेह यूँही मिलता रहा तो।
बेहतरीन
जी बहुत बहुत धन्यवाद
अति सुन्दर प्रस्तुति श्रीमान जी
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