राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस के अवसर पर प्रस्तुत है तिरंगे को समर्पित शिवम् शर्मा की राष्ट्र ध्वज वंदना
हे गौरव प्रमाण राष्ट्र ध्वज
तुम्हे साष्टांग नमन,
तेरे ही छत्र – छाया में
बना चमन सारा वतन…
हे अभिमान सूचक,
हे कीर्ति वर्धक,
तुम्हे कोटि कोटि अभिनन्दन…
करके स्पर्श तेरा ही,
पुलकित हो उठे पवन ,
देख कर शौर्य रूप तेरा
गर्व से सीना फुलाता गगन…
तेरे ही रंग से रंगे है
ये सूर्य ये मयंक
तुझसे लेकर हरियाली
है हरे भरे सारे उपवन…
तेरी आभा के आगे
धूमिल सारे रत्न आभूषण
तेरे ही चरण वंदन कर
माटी भी बन जाती चंदन…
हे गौरव प्रमाण राष्ट्र ध्वज,
तुम्हे साष्टांग नमन…
– शिवम् शर्मा
रूरा, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश
लेखक से फेसबुक पर जुड़ने के लिए क्लिक करें।
कुछ करके जाना है – कविता
विश्व शांति दूत – कविता
यदि आप लिखने में रूचि रखते हैं तो अपनी मौलिक रचनाएँ हमें भेज सकते हैं,
आपकी रचनाओं को लिखो भारत देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।
यदि आप पढ़ने में रूचि रखते हैं तो हमारी रचनाएँ सीधे ई-मेल पर प्राप्त करने के लिए निचे दिए गए ई-मेल सब्सक्रिप्शन बोक्स में ई-मेल पता लिखकर सबमिट करें, यह पूर्णतया नि:शुल्क है।
हम आशा करते हैं कि उपरोक्त रचना राष्ट्र ध्वज वंदना आपको पसंद आई होगी, अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट करके अवश्य बताएं। रचना अच्छी लगे तो शेयर भी करें।
This Post Has 2 Comments
Pingback: कारगिल विजय दिवस पर कविता - नीरज श्रीवास्तव | लिखो भारत
Pingback: शहीद राजगुरु पर हिंदी कविता - राहुल कुमार सिंह | लिखो भारत