हमको भी ईश्वर ने अपने, हाथों से बनाया है
अपने हाथों से मेरा सुंदर, रूप सजाया है
मत कोस हमें तु बार-बार, शिकार नहीं हैं हम
बेकार नहीं हैं हम, बेकार नहीं हैं हम।
मुश्किल घड़ियों में साथ तुम्हारा देंगे हम
हंस-हंस के सह लेंगे तेरे ढ़ाये वो सितम
तु कहदे तेरे ममता के हकदार नहीं हैं हम
बेकार नहीं हैं हम, बेकार नहीं हैं हम।
किस्मत की लकीरों को हम भी, खूद बदलेंगे
दे छोड़ भले तु तन्हा, कुछ तो कर हीं लेंगे
जो डूबो दे मंझधार में वो, पतवार नहीं हैं हम
बेकार नहीं हैं हम, बेकार नहीं हैं हम।
जो करते हैं वो करने दो, मत रोको अब
मेरे भी साथ खड़ा है, जो तेरा है रब
दर पर तेरे खड़े मगर, लाचार नहीं है
बेकार नहीं हैं हम, बेकार नहीं हैं हम।
आनंद की आँखों में भी देखो, पानी है
दुःख सुख को हमने भी, नजदीक से जानी है
ये आता जाता रहता है, बीमार नहीं हैं हम
बेकार नहीं हैं हम, बेकार नहीं हैं हम।
– आनन्द कुमार पाण्डेय
आनंद पांडेय बलिया उत्तर प्रदेश
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