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तुमको देखे बरसो हो गए
तुमको देखे बरसो हो गए तुम कैसे इतने निष्ठुर हो गए , तुम बिन दिल पर क्या क्या बीती कैसे तुम इतने संगदिल हो गये
तुमको देखे बरसो हो गए तुम कैसे इतने निष्ठुर हो गए , तुम बिन दिल पर क्या क्या बीती कैसे तुम इतने संगदिल हो गये
~ दोस्ती पर कविता ~ दोस्त….. साँसे टूट रही थी, आस जिंदगी की छूट हो चुकी थी, पर यार था जो, साथ छोड़ने को राजी
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