उसे पाने के लिए
उसे पाने के लिए मै खूब रोया न जाने कितनी रातेँ आँसू बहाकर सोया तकिया भीग गया पी – पीकर आँसुओं को पर उसका ख्वाब मुझसे जुदा ना होया। (2)…
उसे पाने के लिए मै खूब रोया न जाने कितनी रातेँ आँसू बहाकर सोया तकिया भीग गया पी – पीकर आँसुओं को पर उसका ख्वाब मुझसे जुदा ना होया। (2)…
निराशाओं के आसमान में जब आशा का कोई बादल नजर आता , तब तक मनुष्य के हाथ से सारा अवसर निकल जाता। वह बाट जोहता तब तक जब तक कोई…