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कविता
उषा यादव

ओस की बूंद

  ओस की बूंद जब गिरती है इस जमीन पर भूल जाती है अपने अस्तित्व को क्यों गिरी! किधर से गिरी पता नहीं उसे अपनी

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किताब समीक्षा
उषा यादव

दलित साहित्य का स्त्रीवाद स्वर- किताब समीक्षा

कुछ पुस्तकें वास्तविकता में दलित नारी और उन पर हुए अत्याचारों, क्रूरता और हिंसात्मक प्रवृत्ति को उजागर करती है। इन्हीं में से एक पुस्तक “दलित

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