

निराशाओं के आसमान में
निराशाओं के आसमान में जब आशा का कोई बादल नजर आता , तब तक मनुष्य के हाथ से सारा अवसर निकल जाता। वह बाट जोहता
निराशाओं के आसमान में जब आशा का कोई बादल नजर आता , तब तक मनुष्य के हाथ से सारा अवसर निकल जाता। वह बाट जोहता
उसकी आवाज में दर्द था रोती हुई आँखे और गिरते हुए आँसू कांपते हुए होंठ और टुटा हुवा दिल सबकुछ छिपा हुवा था फिर भी
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An Initiative By Kumar Harish
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