कण कण पवित्र
बुंद बुंद अमृत
बालक श्री राम
कन्या सीता सदृश्य समान
गौरवशाली इतिहास जहाँ का
सुंदर प्यारी परिपाटी है
यह भारत भू की माटी है।
सूर्योदय होने से पहले
बाबा उठ भजन सुनाते हैं
अम्मा लोरी गाती है
नानी परियों की कथा सुनाती है
गौरवशाली इतिहास जहाँ का
सुंदर प्यारी परिपाटी है
यह भारत भू की माटी है।
चींटी चिड़िया कुत्ता गाय
मां भोजन देकर आती है
पहले भगवान को भोग लगाती है
फिर अपना प्रसाद वह पाती है
गौरवशाली इतिहास जहाँ का
सुंदर प्यारी परिपाटी है
यह भारत भू की माटी है।
कौवा संदेशा लाते हैं
पौधे भी शर्माते हैं
जहां कोयल गीत सुनाती है
बिल्ली मौसी कहलाती है
गौरवशाली इतिहास जहाँ का
सुंदर प्यारी परिपाटी है
यह भारत भू की माटी है।
यह भारत भू की माटी है।
पीपल बरगद नीम बबूल
दूब भी पूजे जाते हैं
गोबर में दो दूब डाल
ईश्वर का दर्शन पाते हैं
गौरवशाली इतिहास जहाँ का
सुंदर प्यारी परिपाटी है
यह भारत भू की माटी है।
माता की इच्छा जान पुत्र
वन प्रस्थान कर जाता है
मानव की क्या बात जहाँ
गिलहरी भी कर्तव्य निभाता है
गौरवशाली इतिहास जहाँ का
सुंदर प्यारी परिपाटी है
यह भारत भू की माटी है
अग्नि वायु जल आकाश
देवता जहां कहलाते हैं
गंगा गीता धरती गायत्री
माता का सम्मान पाती है
गौरवशाली इतिहास जहाँ का
सुंदर प्यारी परिपाटी है
यह भारत भू की माटी है
जिस भूमि पर जन्म लेकर
मानव भगवान कहलाते हैं
रामकृष्ण गौतम गोविंद
पैदा होकर इतराते हैं
गौरवशाली इतिहास जहाँ का
सुंदर प्यारी परिपाटी है
यह भारत भू की माटी है
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अब मुझको भी ज़ाम से वफ़ा हो गई – ग़जल
मैं एक बूढ़ा हूं – कविता
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