विश्व शांति दूत बनकर हम,
जनमानस का कल्याण करें।
सत्य अहिंसा और समर्पण का,
जन-जन से आह्वान करें ।।
मानवता और मानव मूल्यों को,
अपने तन मन में धारण करके।
युद्ध अशांति आतंकवाद का,
विश्व पटल से निदान करें ।।
स्वार्थ घृणा और हिंसा जैसी,
महामारी का उपचार करें हम।
शांति पाठ का आयोजन कर,
विश्व शांति यज्ञ आह्वान करें ।।
विश्व शांति के साधक बनकर,
हम शांति सृजन विस्तार करें।
प्रगति पथ निर्माण को करके,
समग्र विश्व का उत्थान करें ।।
– रविंद्र कुमार सिरोही ‘रवि’
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तू बेवफ़ा नहीं होती – गज़ल
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