शिक्षा का अधिकार चाहिए
ना दौलत ना कार चाहिए।
अशिक्षित रहना ही अभिशाप है
आधुनिकता का महापाप है।
अशिक्षित युवक पशु समान
जिसको अच्छे ना बुरे का भान।
मोहरा बन कर करता काम
मालिक की रहती है लगाम।
शिक्षा का अधिकार मिले तो
स्याही की तलवार मिले तो।
मुर्ख फिर ना बन पायेगा
कलमशक्ति दिख लाएगा।
कलम की ताकत होंगी तो
नवपीढ़ी को भी पढायेगा।
समाज यदि पूर्ण शिक्षित होगा
राष्ट्र आगे हो जायेगा।
अतः अभिभावक से करबद्ध निवेदन
शिक्षा से कोई छूटे नहीं
किसी गुड़िया के सपने टूटे नहीं
राजू का बस्ता अब रूठें नहीं
कोई छोटू का भाग्य फुटे नहीं
आगे रहकर विद्यालय मे जाना होगा
अपने बच्चो को शिक्षको से पढ़वाना होगा
अर्थ का कोई भार नहीं है
खर्चे की कोई मार नहीं है
सब अध्ययन सामग्री अब मुफ्त है
फिर क्यों बैठे अब तक सुस्त है
शीघ्र ही विद्यालय खुलेंगे
जाये और प्रवेश कराएँ
नवपीढ़ी को शोषण से बचाएं
नवपीढ़ी को शोषण से बचाएं
– रूपचंद सोनी
घाटोंली, झालावाड़, राजस्थान
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काल कोठरी – कविता
सूनी सी डगर – कविता
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This Post Has 2 Comments
सोनी भाई बहुत हीं अच्छी भवाभिव्यक्ति l आप ऐसे ही लिखते रहें और हम आपका वैसे ही उत्साह बढ़ाते रहें l हमारी यही कामना है l🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌🏻👌🏻👌🏻
सोनी जी बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है आपने। आप ऐसे ही लिखते रहे और अपने शब्दोंं की बारिश करते रहे।