निर्धारित अपना लक्ष्य कर
सशक्त अपना संकल्प करो
परिस्थितियां प्रतिकूल है
संघर्ष करो संघर्ष करो।
अपने ऊपर विश्वास करो
अच्छा करो कुछ खास करो
वक्त नहीं बर्बाद करो
शुरुआत कल नहीं आज करो।
सफलता तेरी सुनिश्चित है
बस हार नहीं स्वीकार करो
असंभव संभव हो जाता है
बस एक और प्रहार करो।
परिश्रम तेरी पूंजी है
निरंतरता सफलता की कुंजी है
कदम कदम बढ़ते जाओ
एकाग्र राह चलते जाओ।
व्यवधान से जो घबराता है
मंजिल से दूर रह जाता है
कायर तो केवल रोता है
आसानी से क्या होता है।
पाना है तो खोना होगा
काटना है तो बोना होगा
सूरज की तरह जलना होगा
बीजों की तरह गलना होगा।
जब निश्चय सशक्त हो जाता है
मुट्ठी में वक्त हो जाता है
जो पर्वत में राह बनाता है
वही दशरथ मांझी कहलाता है।
संकट स्वयं समाधान की
राह प्रशस्त करती है
चुनौतियां ही उज्जवल
भविष्य की नींव गढ़ती है।
निर्धारित अपने लक्ष्य को
समर्पण अपना सर्वस्व करो
संघर्ष का नाम ही जीवन है
संघर्ष करो संघर्ष करो।
ज्ञानेंद्र कुमार सूर्य
झाझा, जमुई, बिहार
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