~ राखी का त्यौहार ~
सावन का त्योंहार हैं राखी ,
भाई बहिन का प्यार है राखी
बरस रहा है अमृत अंबर से ,
ईश्वर का आशीर्वाद है राखी ।।
प्रेम से भरा बरस रहा सावन
राखी का उत्सव मन भावन
प्रीत की डोर बांधे हर बहिन ,
भाई की कलाई पर पावन ।।
हल्दी रोरी चावल मिठाई से
सज रही हर घर की थाली ,
घेवर मलाई से सजा हुआ है
महकें दुकानें मिठाई वाली ।।
लगी भीड़ फिर बाजारों में
रौनक छाई है राखी वाली
सज रहे गलियारे राखी से
हर राखी यहां रक्षा वाली।।
अपने भैया की रक्षा करती,
बहिन की राखी मन्नत वाली
देती आशीष बहिन भाई को
कोई मन्नत न जाए खाली।।
राखी का त्यौहार है आता
मायके की बहुत याद दिलाता
खिल जाती है मन की डाली
जब भैया ससुराल से लेने आता।।
– प्रतिभा दुबे ‘स्वतंत्र लेखिका’
ग्वालियर, मध्य प्रदेश
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