Poem on rain with rhyming words, Hindi poems on rain, Short poem on rain in hindi
बारिश का है इंतजार
भीगने को दिल है बेकरार
इंद्रदेव, कुछ तो कृपा करवाओ
गर्मी से हो गया है बुरा हाल
सूख गये हैं सारे पोखर , नदी और ताल
पीने का पानी भी नहीं मिलने से,
लोग है बेहाल
जमकर बारिश करवाओ
किसानों की परेशानी दूर करवाओ
इंद्रदेव कुछ कृपा करवाओ
गरज गरज खूब बारिश करवाओ।
रख भरोसा दीनानाथ पर
किसी को भूखे मरने थोड़ी देगा ।
दो दिन बारिश नही आई तो
इंद्रदेव का जीना मुश्किल कर देगा ।
बारिश आएगी और जमकर बरसाएगी
मानसून को तो उठने दो ।
सारे जंगल तो काट दिए आपने
ना बचाए कोई पहाड़
लगा दिए बड़े बड़े संयंत्र
उसी की सजा पा रहे हो
और दोष इंद्रदेव पर लगा रहे हो ।
बातो से कुछ नही होगा
शपथ खाओ , इस बार
पांच पौधे अवश्य लगाओ ।
इंद्रदेव कुछ कृपा करवाओ
गरज गरज खूब बारिश करवाओ।
लेखक पवन कुमार शर्मा ‘कवि कौटिल्य’ से फेसबुक पर जुड़ने के लिए क्लिक करें।
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