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खत नि:शब्द था

~ खत नि:शब्द था ~

कल बन्द लिफाफे में

मुझे एक खत मिला

खत नि:शब्द था

इक कोरा कागज़

न लिखावट

न सजावट

स्याही के निशान तक नहीं

न कलम की कुछ बनावट

बस बिखरी हुई  खुशबू

उसके हाथों की

जो सबूत देती है

खत उसी का था ।

 

खत कुछ नम था

शायद आंसुओ से भीगा था

बहुत कुछ कह गया

जबकि खत नि:शब्द था ।

 

खत ने कुछ मजबूरियाँ बताई

उसकी, मुझसे दूरियां बताई

खत बन्द लिफाफे में था

पर दिल खोल कर चला गया

खत नि:शब्द था फिर भी

बहुत कुछ बोल के चला गया ।

कुमार हरीश

चित्तोड़गढ़, राजस्थान, भारत

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