atal

जब नही रहे अटल

“जब नही रहे अटल”

“अटल बिहारी वाजपेयी को सादर नमन अर्पित करती कविता”

नेत्र चक्षु और पटल
बह रहे हैं बस अटल
भीगते नयन पटल
जब नही रहे अटल ।

वो रक्त रक्त देश का
वो भक्त अपने देश का
ठहर गया हर एक पल
जब नही रहे अटल ।

अटल हो तो अटल सही
अश्रुधारा जो बही
देश शोक में प्रबल
जब नही रहे अटल ।

कवि हृदय सम्राट थे
वो शख्शियत विराट थे
बुझ गया विचार कल
जब नही रहे अटल ।

करगिल हो या पोकरण
वो शक्ति शौर्य सो गुणन
शांति वार्ता और हल
जब नही रहे अटल ।

थे भीष्म वो पितामह
राजनीति के अटल
जो उनके पीछे चल रहे हैं
काश बन सके अटल ।

चढ़ रहे गुलाब उनपे
जो स्वयं ही थे कमल
भीगते नयन पटल
महान आत्मा अटल ।

-कुमार हरीश

Jab Nahi Rahe Atal
Netra Chakshu Or Patal
Bah Rahe Hain Bas Atal
Bheegte Nayan Patal
Jab Nahi Rahe Atal

Wo Rakta Rakta Desh Ka
Wo Bhakta Apne Desh Ka
Thahar Gaya Har Ek Pal
Jab Nahi Rahe Atal

Atal Ho To Atal Sahi
Ashrudhara Jo Bahi
Desh Shok Me Prabal
Jab Nahi Rahe Atal

Kavi Hriday Samrat The
Wo Shakhsiyat Virat The
Bujh Gaya Vichar Kal
Jab Nahi Rahe Atal

Kargil Ho Ya Pokaran
Vo Shakti Shorya Sau Gunan
Shanti Varta Or Hal
Jab Nahi Rahe Atal

The Bhishma Wo Pitamah
Rajneeti Ke Atal
Jo Unke Pichhe Chal Rahe Hain
Kaash Ban Sake Atal

Chadha Rahe Gulab Unpe
Jo Savyam Hi The Kamal
Bheegte Nayan Patal
Mahan Aatma Atal

– Kumar Harish


यह रचना मेरे द्वारा स्वरचित व पूर्णतया मौलिक है। इसका सर्वाधिकार मेरे पास सुरक्षित है। आपको ये रचना कैसी लगी ? आपके सुझावों व विचारों की प्रतीक्षा मे…

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This Post Has 6 Comments

  1. Kailash

    Very nice

    1. Rahul chhipa

      Excellent .

      1. आपको हमारी रचना पसंद आई इसके लिए लिखो भारत तहे दिल से आपका आभारी है, कृपया इसी प्रकार स्नेह बनायें रखे

  2. Niraj Srivastava

    बहुत ही अच्छी और लाजवाब पँक्तियाँ।

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