लिखो भारत डॉट कॉम पर आज हम पढ़ेंगे भारत के स्वतन्त्रता सैनानी व महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह के विचार, सरदार भगत सिंह के नारे, Shaheed Bhagat Singh quotes in Hindi, sardar Bhagat Singh quotes in Hindi image, 23 march Shaheed diwas quotes in hindi, Shaheed Bhagat Singh slogan in hindi. Shaheed Bhagat Singh jail diary in Hindi
शहीद भगत सिंह के प्रेरणादायक विचार :
Shaheed Bhagat Singh quotes in hindi
भगत सिंह को हम सब जानते है लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि भगत सिंह ने जेल में रहते हुए चार किताबे लिखी थी। हालांकि, उनके द्वारा लिखी गयी सभी किताबें नष्ट हो गयी थी, पर जो उनकी याद के तौर पर बच गयी वह है उनकी डायरी। ये वही डायरी है जिसमें भगत सिंह ने जेल के दौरान अपने विचार और अपनी कविताएं लिखी, साथ ही कुछ बेहतरीन लेखकों की कुछ अच्छी पंक्तियाँ भी लिखीं।
यह डायरी सितम्बर 1929 से मार्च 1931 के बीच लिखी गयी और उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार को सौंप दी गयी।
(छायाचित्र स्त्रोत – गूगल)
हमारे मस्तिष्क में भगत सिंह की छवि एक बंदूकधारी क्रांतिकारी और मूंछो पर ताव लगाये एक निडर देशप्रेमी के रूप में बनी हुई है लेकिन भगत सिंह सिर्फ एक क्रान्तिकारी ही नही थे बल्कि एक महान विचारक, लेखक व कवि भी थे ।
भगत सिंह पढ़ने के बहुत शौक़ीन थे। उन्होंने अपने कारावास की अवधि में भी किताब पढ़ने का सिलसिला जारी रखा। वे अक्सर किताबें पढ़ते और अपनी डायरी में अपने विचार, कविता और शायरी लिखते थे।
(छायाचित्र स्त्रोत – गूगल)
चलिये पढ़ते है शहीद भगत सिंह के वो प्रेरणादायक विचार जो हमारे जीवन में क्रन्तिकारी परिवर्तन ला सकते है।
~ किसी को क्रांति शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं, उनके फायदे के हिसाब से इसको अलग अर्थ और मतलब दिए जाते हैं।
~ किसी भी कीमत पर बल का प्रयोग न करना काल्पनिक आदर्श है और नया आंदोलन जो देश में शुरू हुआ है और जिसके आरंभ की हम चेतावनी दे चुके हैं, वो गुरु गोविंद सिंह और शिवाजी, कमाल पाशा और राजा खान, वॉशिंगटन और गैरीबाल्डी, लाफायेते और लेनिन के आदर्शों से प्रेरित है।
दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं। भगत सिंह
~ मेरा धर्म देश की सेवा करना है।
~ अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो किसी के पास प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं होगी, सबको काम मिलेगा। और धर्म व्यक्तिगत विश्वास की चीज होगी, सामूहिक नहीं।
~ किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं, जबकि उनके विचार बच जाते हैं।
~ आम तौर पर लोग जैसी चीजें हैं उसके आदी हो जाते हैं। और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की जरूरत है।
~ मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ। लेकिन मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ, और यही सच्चा बलिदान है।
~ देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।
~ क्या तुम्हें पता है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है। गरीबी एक अभिशाप है, यह एक सजा है।
~ जन संघर्ष के लिए अहिंसा आवश्यक हैं।
~ कोई भी व्यक्ति, जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार खड़ा हो। उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और चुनौती भी देनी होगी।
~ निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार, ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।
~ अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहुत जरुरी है।
~ क्रांति लाना किसी भी इंसान की ताकत के बाहर की बात है। क्रांति कभी भी अपने आप नही आती। बल्कि किसी विशिष्ट वातावरण, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों में ही क्रांति लाई जा सकती है।
~ मेरा जीवन एक महान लक्ष्य के प्रति समर्पित है – देश की आज़ादी। दुनिया की अन्य कोई आकर्षक वस्तु मुझे लुभा नहीं सकती।
मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।भगत सिंह
~ इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।
~ क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।
~ क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है। श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा ।भगत सिंह
~ अहिंसा को आत्म-बल के सिद्धांत का समर्थन प्राप्त है। जिसमें अंतत: प्रतिद्वंदी पर जीत की आशा में कष्ट सहा जाता है। लेकिन तब क्या हो जब ये प्रयास अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल हो जाएं ? तभी हमें आत्म -बल को शारीरिक बल से जोड़ने की ज़रुरत पड़ती है ताकि हम अत्याचारी और क्रूर दुश्मन के रहमोकरम पर निर्भर नहीं रहें।
~ क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारों की शान से तेज होती है।
~ हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्रांति का मतलब केवल उथल-पुथल या एक प्रकार का संघर्ष नहीं है। क्रांति आवश्यक रूप से मौजूदा मामलों के पूर्ण विनाश के बाद नए और बेहतर रूप से अनुकूलित आधार पर समाज के व्यवस्थित पुनर्निर्माण का कार्यक्रम है।
~ महान आवश्यकता के समय, हिंसा अनिवार्य हैं।
~ बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए हैं। बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये हैं।
वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, मेरी आत्मा को नहीं।भगत सिंह
~ ज़रूरी नहीं है कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं है।
~ अगर धर्म को अलग कर दिया जाए तो राजनीति पर हम सब इकट्ठे हो सकते हैं। धर्मों में हम चाहे अलग अलग ही रहें।
~ प्यार हमेशा आदमी के चरित्र को ऊपर उठाता है, यह कभी उसे कम नहीं करता है।
हमें पागल ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं।भगत सिंह
~ मैं उस सर्वशक्तिमान सर्वोच्च ईश्वर के अस्तित्व से इनकार करता हूं।
~ मुझे खुद को बचाने की कभी कोई इच्छा नहीं रही और मैंने कभी भी इसके बारे में गंभीरता से नहीं सोचा।
~ मैं खुशी से फांसी पर चढ़ूंगा और दुनिया को दिखाऊंगा कि कैसे क्रांतिकारी देशभक्ति के लिए खुद को बलिदान दे सकते हैं।
~ यह शादी करने का समय नहीं है। मेरा देश मुझे बुला रहा है। मैंने अपने दिल और आत्मा के साथ देश की सेवा करने के लिए एक प्रतिज्ञा ली है।
अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करती कविता जब नहीं रहे अटल यहाँ पढ़े- https://likhobharat.com/jab-nahi-rahe-atal-kumar-harish/
इन जोशीली पंक्तियों से उनके शौर्य का अनुमान लगाया जा सकता है।
उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है?
हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है?
दहर से क्यों ख़फ़ा रहें, चर्ख का क्या ग़िला करें।
सारा जहाँ अदू सही, आओ! मुक़ाबला करें॥
क्या आप कल्पना कर सकते हैं, ब्रिटिश हुकूमत, जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। इतनी ताकतवर हुकूमत, एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गई थी।
अब भगत सिंह हमारे पास नहीं हैं, वह तो हमारे रगों में उबलते हुए लाल रक्त में शामिल है। मात्र 23 वर्ष की उम्र में भी उनके विचार कितने क्रन्तिकारी थे। उनके प्रेरणादायक विचार ही है जो एक माध्यम है यह जानने का कि भगत सिंह कितने महान क्रांतिकारी देशभक्त और विचारक थे, जो अपने समय से बहुत आगे की सोचता थे।
नमन है ऐसे महान देशभक्त को!
इंकलाब जिंदाबाद….
वंदे मातरम्
आपको ये प्रेरणादायक विचार कैसे लगे , अपने विचार व सुझाव अवश्य देवें… आपकी प्रतिक्रिया के प्रतीक्षा में…
संपादक- कुमार हरीश
“लिखो भारत ”- कविता – कुमार हरीश
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