sampurn-aajadi-kavita
कविता
राहुल कुमार सिंह

सम्पूर्ण आज़ादी

~ सम्पूर्ण आज़ादी ~ हैं सभी जानते 47 में, देश अपना आजाद हुआ। टूटी गुलामी की जंजीरें, उजड़ा घर आबाद हुआ। पर आज आजादी में

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khamoshiyan
गज़ल
राहुल कुमार सिंह

ख़ामोशियां

~ ख़ामोशियां ~ जाने क्यों हर ज़ख़्म चुप था चुप रही ख़ामोशियां फिर भी तेरे दर्द-ए-ग़म को कह गई ख़ामोशियां जानता हूं हर ख़ुशी रूठी

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shiksha-ka-adhikar
कविता
राहुल कुमार सिंह

शिक्षा का अधिकार

शिक्षा का अधिकार विषय पर कविता संविधान ने सबको दिए, कुछ उनके प्राधिकार। उनमें से ही एक है अपना, शिक्षा का अधिकार।। भाग 3 अनुच्छेद

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amar-desh-ki-shan-tiranga
कविता
राहुल कुमार सिंह

अमर देश की शान तिरंगा

राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस के अवसर पर प्रस्तुत है  तिरंगे को समर्पित कविता इस रज़ के कण-कण में बसता, अमर देश की शान तिरंगा। वीर सपूतों

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