“लिखो भारत डॉट कॉम” का मुख्य उद्देश्य साहित्य जगत के नए कलमकारों को अपने लेखन के लिए ऑनलाइन मंच प्रदान करना है । दरअसल हमारी चाहत है कि साहित्य की उपजाऊ मिट्टी में उगे हुए नए पौधे सिर्फ गमलों में सिमित न रहे बल्कि वे अपने लेखन को विश्व धरातल पर लायें और बड़े विशाल बरगद बने। वे अपनी कलम की स्याही से पुरे विश्व को सुगन्धित करें। “कलम क्रांति का पर्याय है और क्रांति परिवर्तन की आवश्यकता”, यह सच है कि मनोरंजन के नये साधनों ने हम इंसानों के हाथों से कलम और किताबें छीन ली और उनकी जगह मोबाइल और सोशल मिडिया ने ले ली। अतः वर्तमान भारत को पुनः लेखन क्रांति की आवश्यकता है और ये क्रांति किसी गली-मोहल्ले या शहर नहीं बल्कि पुरे भारत के लिखने से आएगी। अतः अपनी कलम उठाइए और लिखते जाइये… इतना लिखिये कि पुस्तकालय कम पड़ जाए। इस मुहिम में पूरा भारत साथ दे, इसी उद्देश्य से इस प्लेटफार्म का नाम भी “लिखो भारत डॉट कॉम” रखा गया ।
” लिखेगा भारत तभी तो. . . पढ़ेगा भारत ”
संपादक के बारें में…
नई पीढ़ी के चर्चित कवि-लेखक और प्रेरक वक्ता, सामाजिक गतिविधियों के लिए समर्पित वंदे मातरम फाउंडेशन के संस्थापक, पेशे से टेक्स कंसलटेंट और राष्ट्रवादी संवेदनाओं व सरोकारों के युवा अभिव्यक्तिकार, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा साहित्यिक रचनाओं के लिए अन्तराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित।
संपादक की कलम से …
लेखक के लिए कुछ भी लिखना मुमकिन है लेकिन क्या लेखक खुद के बारे में लिख सकता है ? … हिंदी भाषा के ब्लॉगों पर यह सब रस्म अदायगी के तौर पर बेहद जरुरी हो गया है। …तो मेरे बारे में बस इतना जान लीजिए कि मुझे लिखने में रूचि बचपन से ही थी, स्कूली दिनों में काफी कुछ लिखता गया। फिर सीए की पढाई के दौरान इंदौर जाना हुवा। ये शहर मेरे लिए खुला आसमान था, वहां दो बरस में मैने अपनी अनेकों कवितायेँ एवं किताब “ द लास्ट गुड नाईट” की नीवं रखी, हालाँकि ईमारत पूरी तैयार हे, सिर्फ रंगाई पुताई बाकि हे, मतलब किताब कॉपीराइट प्रक्रिया के अधीन है… बहुत जल्द आपके हाथों में होगी। किताब आए उससे पहले अपनी स्वरचित रचनाएँ, गजलें, लेख एवं कवितायेँ आपके हवालें करने की इच्छा रखता हूँ। आप उन्हें पढ़े और अपना प्रेम व मार्गदर्शन आशीर्वाद के रूप में मुझे देते रहें। आपकी आलोचना और प्रतिक्रिया ही मुझे लेखन के विराट पथ पर अग्रसित करेगी। आपकी समीक्षा में ही मेरी विजयश्री निहित है।
खुद के व्यक्तिगत जीवन की बात करूं तो मेरा नाम कुमार हरीश है और अभी महज 26 वर्ष का हूँ। दिल से लेखक और पेशे से टेक्स कंसलटेंट हूँ, पिछले चार वर्षों से स्वयं की सामाजिक संस्था वंदे मातरम फाउंडेशन के तहत बेहद पिछड़ी बस्तियों व गरीब, असहाय व जरूरतमंद बच्चों के साथ समय साझा करता आया हूँ, उनके उत्थान के उद्धेश्य से कई मर्तबा प्रशाशनिक व सामाजिक मंचो की यात्रा का अवसर मिला। कई पुस्तकों के गूढ़ संपादन के अलावा विभिन्न अखबारों, पत्रिकाओं में कविताएँ व लेख, आदि प्रकाशित हुए हैं। कई व्यावसायिक संस्थानों व प्रकाशको के लिए कंटेंट राइटिंग का सौभाग्य भी मिल चुका है। अपना भारत-अपनी भाषा, अपने लोग-अपनी हिंदी को मकसद बनाकर लिखो भारत. डॉट कॉम ( Likhobharat.com ) को संवाद का जरिया बनाया। आपकी खिदमत में ये ब्लॉग हाजिर है। आप इस ब्लॉग पर कुछ लिखना चाहते हैं तो बेहिचक लिखें और मुझे भेंजे। आप अपनी मौलिक रचनाएँ likhobharat.com@gmail.com पर मेल कर सकतें हैं। आपकी रचनाओ को यहाँ उजाला देने से हमें अत्यधिक हर्ष होगा।
आदर सहित
आपका
कुमार हरीश
चित्तोड़गढ़, राजस्थान, भारत
संपर्क सूत्र :- +91 93146-69729
Likhobharat.Com
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