ab-nari-abla-na-rahi

अब नारी अबला ना रही

बहुत लड़े नारी से नारी को
दबाने को पुरुष ,
बहुत लड़े नारी के लिए नारी का
हक दिलाने को पुरुष ,
पर अब नारी अबला ना रह गई है
उठा कर नारीवाद का झंडा
वो सबला हो चुकी है…

कई प्रयासों के बाद वो सिर्फ दुर्गा ही नहीं
सूर्पनखा भी बन चुकी है ,
पछाड़ने को वो पुरुषवाद को
अब वो मर्यादाएं तोड़कर ,
मधुशाला तक पहुंच चुकी है…

अब नारी अबला ना रही
वो सबला बन चुकी है…

हम मनाते रहे खुशियां
फोगाट बहनों के
रिंग में उतरने मात्र की,
और ये अब बीच सड़कों में ही
रिंग बना बेवजह मर्दों से
भिड़ने लगी है….

अब नारी अबला ना रही
वो सबला बन चुकी है…

हम पुरुष ही उठाते रहे आवाज़
इनके आत्मसम्मान
और हक की लड़ाई के खातिर,
मिला आशीष कानून का तो
ये भस्मासुर बन अब पुरुष पर ही
आत्मसम्मान का झूठा लांछन
लगाने लगी है …

अब नारी अबला ना रही
वो सबला बन चुकी है…

आज की नारी है ये
अब डरी सहमी नारी नहीं ,
ये पास्को दहेज प्रताड़ना घरेलू हिंसा
संवेदना आंसुओ के सजा हथियार
खुद को काली चंडी मानने लगी है

अब नारी अबला ना रही,
वो सबला बनचुकी है…

अब स्त्री पुरुष से
कम नहीं है, कहीं से
अब प्रतिस्पर्धाओ में
खेल व्यापार समाज में ही नहीं
बल्कि ये
जुआ शराब चोरी लूट हत्या
में भी पुरुषों
के कान काटचुकी है…

अब नारी अबला ना रही,
वो सबला बन चुकी है।

– शिवम् शर्मा

रूरा, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश

लेखक से फेसबुक पर जुड़ने के लिए क्लिक करें।


हमें विश्वास है कि हमारे लेखक स्वरचित रचनाएं ही यहाँ प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित लेखक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है और इसका सर्वाधिकार इनके पास सुरक्षित है।

अन्य रचनाएँ यहाँ पढ़े

दानवीर कर्ण

मैं एक बूढ़ा हूं

श्री राम कविता

यदि आप लिखने में रूचि रखते हैं तो अपनी मौलिक रचनाएँ हमें भेज सकते हैं,
आपकी रचनाओं को लिखो भारत देगा नया मुक़ाम,  रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें

यदि आप पढ़ने में रूचि रखते हैं तो हमारी रचनाएँ सीधे ई-मेल पर प्राप्त करने के लिए निचे दिए गए ई-मेल सब्सक्रिप्शन बोक्स में ई-मेल पता लिखकर सबमिट करें, यह पूर्णतया नि:शुल्क है।

हम आशा करते हैं कि उपरोक्त रचना आपको पसंद आई होगी, अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट करके अवश्य बताएं। रचना अच्छी लगे तो शेयर भी करें।

शेयर करें :-

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on email
Share on facebook

This Post Has One Comment

  1. Saurabh kumar

    स्पष्ट सत्य कविराज 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

आपकी प्रतिक्रिया दीजियें

लेखक परिचय

नयी रचनाएँ

फेसबुक पेज

ई-मेल सब्सक्रिप्शन

“लिखो भारत” की सभी पोस्ट सीधे ई-मेल पर प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता यहाँ लिखें।
पूर्णतया निशुल्क है।

रचना भेजिए

यदि आप लेखक या कवि हैं तो अपने विचारों को साहित्य की किसी भी विधा में शब्द दें।
लिखिए और अपनी रचनाएं हमें भेजिए।

आपकी रचनाओं को लिखो भारत देगा नया मुकाम, रचना भेजने के लिए यहाँ क्लिक करें।